देख बेटा मेरे खीलाफ सजिशे करके खुश मत हो
उम्र भले मेरी 30 की हो तजूर्बा 50 के उम्र का है
लडना तो हमने स्कूल जाणे से हि सिख लिया था
जिनका जिंदगी मे आखरी पडावं आता है वही हम से टकराते है ....
लोगों से ज्यादा तो जिंदगी मजा ले रही है
सपनाे के दौड मै उम्मिद का दरवाजा दिखता है
उसके पास जाते हि दरवाजा बंद हो जाता है
और हमने जहासे दौडना चालू किया था वही खडे नजर आते है